डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन से कैसे उबरें ?

 DIRECT SELLING में REJECTIONS से कैसे उबरें? 

डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन से कैसे उबरें?

डायरेक्ट सेलिंग एक ऐसा बिजनेस कॉन्सेप्ट है जहां लोगो से मिलना होता है, उन्हें प्रोडक्ट्स या बिजनेस बताना होता है। तो किसी को उत्पाद और व्यवसाय अच्छा लगता है और किसी को नहीं लगता। ऐसे में डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन आना एक सामान्य प्रक्रिया है। और ये हर एक LEADER के साथ होता ही है। लेकिन फर्क सिर्फ MINDSET का है, सफल लोग REJECTIONS को सीखने का मौका समझते हैं। और बाकी लोग हार मान के बिजनेस छोड़ देते हैं। लेकिन आज हम समझेंगे कि डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन से कैसे उबरें? रिजेक्शन को कैसे संभाले? रिजेक्शन से डील कैसे करें? इससे कैसे निपटें? 

1. रिजेक्शन को पर्सनल ना लें।


आप के प्लान दिखाने के बाद अगर कोई बिजनेस करने से मना कर दे, आपके ऑफर को ठुकरा दे, तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसने आपको हमेशा के लिए रिजेक्ट कर दिया। असल में वो आपके "सिर्फ और सिर्फ ऑफर को मना" कर रहा है। ना कि आपको मना कर रहे हैं। उसे सिर्फ आपका ऑफर नहीं जमा। हो सकता है उसके पास टाइम ना हो, या उसे डायरेक्ट सेलिंग का ज्ञान ना हो, या हो सकता है उसको कोई संदेह हो जो अभी शेयर नहीं कर रहा। ऐसे कई कारण हो सकते है आप इसे पर्सनल कभी ना लें। उन्हें मिलते रहे, रिश्ते बना के रखे, आज नहीं तो कल वो ज्वाइन करेगा ही। बस आप लगे रहें।

2. हर "ना" आपको "हाँ" के करीब लाती है।

हाँ मिलने की संभावना तब बढ़ती है जब आप ज्यादा से ज्यादा लोगो से मिलते हैं। क्योंकि डायरेक्ट सेलिंग बिज़नेस नंबरों का खेल है। अगर आप 5 लोगों से मिलते हैं और 1 हां करता हैं, तो ये आपकी हार नहीं है बल्कि इसका मतलब ये है कि, आप अगले सकारात्मक प्रतिक्रिया के और करीब आ रहे हैं। और वैसे भी हर ना आपको और मज़बूत बनाता है। आपको बहुत सारे LESSONS सिखाता है। हमेशा याद रखें: हर ना आपकी सफलता की सीढ़ी है। 

3. प्रेजेंटेशन और कम्युनिकेशन स्किल अपडेट करें।


डायरेक्ट सेलिंग में कई बार ऐसा होता है कि सामने वाला व्यक्ति सिर्फ इसलिए मना कर देता है कि हम अपनी बात को सही तरीके से समझा ही नहीं पाते। आप अपनी बात को जितना स्पष्ट, सरल भाषा में, पूरे आत्मविश्वास के साथ बताएंगे, सामने वाले के 'हाँ' कहने के CHANCES कई गुना बढ़ जाएंगे। इसके लिए आपको अपनी कम्युनिकेशन स्किल और प्रेजेंटेशन को और अच्छा करना होगा सरल और आसान बनाना होगा। इसलिए आप रोजाना फील्ड में प्रैक्टिस करें। 

4. हमेशा सकारात्मक मानसिकता रखें। 


डायरेक्ट सेलिंग एक पॉजिटिव रहने वाला बिजनेस है। जो आपके अंदर रहेगा वही बाहर भी झलकेगा। अगर आपके मन में नकारात्मक ख्याल आयेंगे तो आपकी बॉडी लैंग्वेज में भी वो दिखेगा। इसलिए अंदर से हमेशा पॉजिटिव रहें। सकारात्मक विचार ही मन में बना के रखें और उसी को दोहराते रहें। जैसे :

@ मैं एक सफल डायरेक्ट सेलर हूं।

@ मुझे अपने उत्पाद, अपलाइन, सिस्टम और कंपनी पर पूरा भरोसा है।

@ हर 'ना' मुझे मेरी सफ़लता के और पास लाता है।

@ लोगों को जोड़ना मेरे लिए तो बहुत आसान है।

@ मुझे अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। 

5. FOLLOW-UP जरूर करते रहें। 

ज़्यादातार लोग पहली मीटिंग में ही 'हाँ' नहीं करते हैं। इसका मतलब ये नहीं कि वो उनकी परमानेंट ना है। उस समय पर किसी भी कारण से व्यक्ति मना कर सकता है। उसके संदेह भी हो सकते हैं, कोई पारिवारिक समस्याएँ भी हो सकती हैं। उसके न करने के कारणों को जानकर, उसे SOLVE करने के लिए उसका फॉलोअप करते रहें। कभी ना कभी तो वो हाँ करेगा ही। उसके संदेह दूर होने चाहिए बस। लेकिन उसके लिए नियमित रूप से मिलते रहना पड़ेगा। 

6. सीखने का रवैया रखिए। 


किसी का आपको रिजेक्ट कर देना आपके बिजनेस का अंत कभी नहीं हो सकता। हमेशा सीखते रहिए, अगर किसी ने 'नहीं' कहा है। तो ये इस बात का संकेत है कि आपको अपने दृष्टिकोण पर, बॉडी लैंग्वेज पर, प्रेजेंटेशन के तरीके पर, सवालों के जवाब पर बहुत ज्यादा मेहनत करनी चाहिए। आपको सीखने वाला एटीट्यूड ही आपको सफल बनाएगा। अगर आप हर रिजेक्शन से कुछ न कुछ सीखते हैं। तो धीरे-धीरे आपकी सभी स्किल्स बेहतर होती जाएंगी। 

निष्कर्ष 

डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन बिजनेस का अंत नहीं बल्कि बिजनेस की शुरुआत है। रिजेक्शन भी हर सफलता का हिस्सा है। डायरेक्ट सेलिंग के हर बड़े लीडर ने अपने करियर की शुरुआत में हजारों बार रिजेक्शन का सामना किया है। पर वो घबराए या हार नहीं मानी। उन्होंने हर रिजेक्शन से सीख कर सफलता हासिल की है। डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन से कैसे उबरें? इसका जवाब भी यही है की, अगली बार जब कोई रिजेक्ट करे, तो उदास न हो बल्कि मुस्कुराइए क्योंकि ये आपको आपकी सफलता के और पास ले कर जाएगा। डायरेक्ट सेलिंग में रिजेक्शन से निपटने का यही एक मात्र सूत्र भी है। 




























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